जबलपुर DEO घनश्याम सोनी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप, RLBAPY योजना में महिला प्रशिक्षक भर्ती घोटाला
पृष्ठभूमि
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) घनश्याम सोनी के खिलाफ एक बार फिर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस बार उन पर रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण योजना (RLBAPY) के तहत महिला प्रशिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं और घोटाले का आरोप है। कांग्रेस पार्टी के नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने DEO के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए उनके तत्काल पदमुक्ति और जांच की मांग की है।
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Jabalpur Scam news |
क्या है RLBAPY योजना?
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण योजना (RLBAPY) शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य स्कूली छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित करना है। इसके तहत जिले के 60 शासकीय हाई स्कूलों में महिला प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जानी थी। प्रत्येक प्रशिक्षक को प्रति माह ₹5000 मानदेय दिया जाना था और उन्हें तीन स्कूलों की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती थी।
आरोप: DEO ने जानबूझकर विज्ञापन देरी से जारी किया
कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा के अनुसार, 14 जुलाई को शासन स्तर से DEO को विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन घनश्याम सोनी ने इसे 21 जुलाई को प्रकाशित करवाया और उसी दिन शाम 4 बजे आवेदन प्रक्रिया बंद कर दी। इससे अधिकांश योग्य उम्मीदवारों को आवेदन करने का मौका ही नहीं मिला।
मुख्य आरोप:
1. विज्ञापन को जानबूझकर दबाया गया – DEO ने 6 दिन तक विज्ञापन जारी नहीं किया।
2. अंतिम दिन जल्दबाजी में प्रक्रिया पूरी की – 21 जुलाई को विज्ञापन जारी कर उसी दिन आवेदन बंद कर दिए गए।
3. पक्षपातपूर्ण भर्ती – आरोप है कि DEO ने केवल अपने चहेते उम्मीदवारों को ही आवेदन का मौका दिया।
DEO घनश्याम सोनी का विवादित इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब घनश्याम सोनी भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हैं। पहले भी उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनकी जांच अभी लंबित है। सौरभ शर्मा ने कहा कि, "DEO सोनी लगातार भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और अब उन्होंने छात्राओं की सुरक्षा से जुड़ी योजना को भी नहीं बख्शा।"
कांग्रेस की मांग – DEO को हटाएं, नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करें
कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
1. DEO घनश्याम सोनी को तुरंत पद से हटाया जाए।
2. योजना के तहत महिला प्रशिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू की जाए।
3. पारदर्शी तरीके से नई भर्ती प्रक्रिया की जाए।
4. DEO के खिलाफ विभागीय जांच की जाए।
प्रशासन की प्रतिक्रिया – जांच का आश्वासन
इस मामले में डिप्टी कलेक्टर पुष्पेंद्र अहाके ने बताया कि कांग्रेस का ज्ञापन कलेक्टर दीपक सक्सेना को भेज दिया गया है। उन्होंने कहा, "शिकायत की जांच की जाएगी और यदि आरोप सही पाए गए, तो कड़ी कार्रवाई होगी।"
निष्कर्ष: क्या होगा आगे?
यह मामला एक बार फिर सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता की कमी और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। अगर DEO के खिलाफ आरोप सही साबित होते हैं, तो प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, RLBAPY योजना के तहत भर्ती प्रक्रिया को फिर से पारदर्शी तरीके से संचालित किया जाना चाहिए, ताकि योग्य उम्मीदवारों को न्याय मिल सके।
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