मध्य प्रदेश में कैंसर उपचार की बदहाली: हर माह 3500 मौतें, फिर भी सुविधाओं का अभाव
राज्य में कैंसर की भयावह स्थिति
भारत के मध्य प्रदेश (MP) में कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन उपचार सुविधाएं नहीं। आइसीएमआर (ICMR) भोपाल के पंजीकरण के अनुसार, 1 लाख 54 हजार 567 लोगों को तत्काल कैंसर का इलाज चाहिए। इनमें से सिर्फ भोपाल में ही 4350 मरीज दर्ज हैं। हर महीने राज्य में 3500 से अधिक लोग कैंसर के कारण मौत का शिकार हो रहे हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों में जरूरी मशीनें और थेरेपी यूनिट्स नहीं हैं।
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प्रतीकात्मक चित्र |
रेडिएशन थेरेपी के लिए मशीनें नहीं
कैंसर के इलाज में रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, लेकिन MP के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में लीनियर एक्सीलेटर (LINAC) मशीन या ब्रेचीथेरेपी यूनिट (Brachytherapy Unit) नहीं है। नतीजा यह है कि मरीजों को बिना उचित इलाज के अस्पताल से वापस लौटना पड़ रहा है।
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गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) की स्थिति
भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) में भी LINAC मशीन नहीं है। हालांकि, डीन डॉ. कविता एन सिंह का कहना है कि टेंडर जारी कर दिया गया है और जल्द ही मशीन आने की उम्मीद है।
नए मेडिकल कॉलेजों में भी सुविधाएं नहीं
राज्य में हाल ही में खुले सहडौल, शिवपुरी और सिंगरौली के मेडिकल कॉलेजों में ब्लड बैंक यूनिट्स तक ठीक से काम नहीं कर रही हैं। ऐसे में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज की स्थिति और भी खराब है।
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सरकारी अस्पतालों पर अत्यधिक दबाव
भोपाल में जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल और एस अस्पताल ही सरकारी स्तर पर कैंसर का इलाज करते हैं। लेकिन यहां मरीजों की भीड़ इतनी अधिक है कि रेडिएशन थेरेपी और जांच के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।
प्राइवेट हॉस्पिटल्स आगे, लेकिन महंगे
कुछ निजी अस्पतालों में कैंसर का अत्याधुनिक इलाज उपलब्ध है, लेकिन यहां की फीस आम लोगों की पहुंच से बाहर है। ऐसे में गरीब मरीजों के पास सरकारी अस्पतालों पर निर्भर रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
पिछले तीन सालों में कैंसर के मामले और मौतें
लोकसभा में पेश रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन सालों में MP में कैंसर के मामलों में भारी वृद्धि हुई है:
| वर्ष | कैंसर मरीज | मौतें |
|---------- |------------- |-------|
| 2018 | 73,957 | 40,798|
| 2019 | 75,911 | 41,876|
| 2020 | 77,888 | 42,966|
| कुल | 2,27,756 | 1,25,640 |
इस तरह, महज तीन साल में 1.25 लाख से अधिक लोगों की कैंसर से मौत हो चुकी है, लेकिन सरकारी स्तर पर अभी भी इलाज की सुविधाएं नहीं बढ़ाई गई हैं।
क्या हो सकता है समाधान?
1. सरकारी अस्पतालों में LINAC मशीन और ब्रेचीथेरेपी यूनिट्स की तत्काल स्थापना।
2. कैंसर अस्पतालों की संख्या बढ़ाने की जरूरत।
3. नए मेडिकल कॉलेजों में ब्लड बैंक और अन्य जरूरी सुविधाएं शुरू करना।
4. कैंसर जागरूकता अभियान चलाकर शुरुआती लक्षणों की पहचान को बढ़ावा देना।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश में कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन सरकारी स्तर पर इलाज की सुविधाएं नहीं हैं। अगर जल्द ही रेडिएशन थेरेपी मशीनें और अन्य जरूरी उपकरण नहीं लगाए गए, तो मौतों का आंकड़ा और भी बढ़ेगा। सरकार को इस ओर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।