एटा का सनसनीखेज मामला: सौतेले बेटे ने महिला के साथ दुष्कर्म किया, पति ने दो बार गर्भपात कराया (Step son raped the woman, husband forced her to abort twice)
मामले की रूपरेखा
उत्तर प्रदेश के एटा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक महिला ने अपने ही सौतेले बेटे और पति के खिलाफ बलात्कार और जबरन गर्भपात का आरोप लगाया है। यह मामला न केवल पारिवारिक विघटन को उजागर करता है, बल्कि पुलिस की लापरवाही और संपत्ति विवाद की ओर भी इशारा करता है।
पीड़िता का दर्दनाक सच
पीड़िता, जो एटा के निधौलीकलां थाना क्षेत्र के एक गाँव की निवासी है, ने बताया कि उसकी पहली शादी सिकंदराराऊ क्षेत्र में हुई थी, लेकिन एक साल बाद ही उसके पति की करंट लगने से मौत हो गई। इसके बाद उसने 2009 में एक रिटायर्ड दरोगा से कोर्ट मैरिज की।
शादी के बाद का संघर्ष
- पति की पहली पत्नी की मृत्यु के बाद, उसने दूसरी शादी की।
- पति को पहली पत्नी से एक बेटा है, जबकि पीड़िता का कोई संतान नहीं है।
- महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति ने शादी के बाद दो बार जबरन गर्भपात कराया।
23 जून की भयावह घटना
23 जून को, पीड़िता के सौतेले बेटे ने उसके साथ बलात्कार किया। सबसे डरावना पहलू यह है कि इस दौरान उसका पति भी मौजूद था, लेकिन उसने कोई विरोध नहीं किया।
पुलिस की लापरवाही
- महिला ने स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- थक-हारकर उसने एसएसपी से संपर्क किया, जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई।
- निधौलीकलां पुलिस ने अब पति और सौतेले बेटे के खिलाफ केस दर्ज किया है।
संपत्ति विवाद की भूमिका
जांच में पता चला कि पति ने अपनी सारी संपत्ति अपने बेटे के नाम कर दी है, जिसके कारण पारिवारिक तनाव बढ़ा। पीड़िता का मानना है कि यही वजह है कि उसके पति ने उसके साथ हो रहे अत्याचारों को नजरअंदाज किया।
समाज और कानून की जिम्मेदारी
यह मामला न सिर्फ पारिवारिक हिंसा को दर्शाता है, बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि क्या हमारी कानूनी व्यवस्था ऐसी पीड़िताओं को न्याय दिलाने में सक्षम है?
क्या हो आगे की कार्रवाई?
1. तत्काल न्याय: पीड़िता को सुरक्षा और न्याय मिलना चाहिए।
2. पुलिस जवाबदेही: जिन अधिकारियों ने शिकायत को नजरअंदाज किया, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
3. मानसिक सहायता: पीड़िता को काउंसलिंग और सामाजिक सहयोग की जरूरत है।
निष्कर्ष
एटा का यह मामला नारी सुरक्षा और पारिवारिक नैतिकता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अब यह देखना होगा कि क्या पीड़िता को न्याय मिल पाता है या यह मामला भी दबा दिया जाएगा?
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यह खबर पाठकों के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से लिखी गई है। अगर आप या आपका कोई परिचित ऐसी स्थिति से गुजर रहा है, तो कृपया महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 या पुलिस की मदद लें।