गर्भवती लीला साहू का सड़क के लिए संघर्ष: "हाईवे तो बनाते हैं, पर हमारे गांव की सड़क क्यों नहीं?"
एक गर्भवती महिला की जंग
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Influencer Leela sahu |
मध्यप्रदेश के सीधी जिले की लीला साहू कोई साधारण महिला नहीं हैं। 9 महीने की प्रेग्नेंसी के बावजूद वह अपने गांव की बदहाल सड़कों के लिए लड़ रही हैं। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तूफान ला चुका है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गड़करी से सीधा सवाल किया है – "आप देशभर में हाईवे बना रहे हैं, लेकिन हमारे गांव की 10 किलोमीटर की सड़क नहीं बना पा रहे?"
क्या है पूरा मामला?
लीला साहू एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं, जो लंबे समय से अपने इलाके की समस्याओं को उठाती रही हैं। इस बार उन्होंने मझौली-रामपुर नैकिन रोड की दुर्दशा को लेकर आवाज बुलंद की है। यह सड़क 30 गांवों को जोड़ती है, लेकिन अब पूरी तरह दलदल में बदल चुकी है।
"एंबुलेंस तक नहीं आ पाती, प्रेग्नेंट महिलाओं की हालत खराब"
लीला ने अपने वीडियो में बताया कि इस सड़क की वजह से लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में भारी दिक्कतें होती हैं। "यहां ना एंबुलेंस आ पाती है, ना स्कूल बस, ना ही कोई सामान लेकर आसानी से गुजर पाता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को तो अस्पताल जाने में भी जान जोखिम में डालनी पड़ती है," उन्होंने कहा।
1 साल से चल रहा है संघर्ष
लीला बताती हैं कि वह पिछले 1 साल से लगातार इस मुद्दे को उठा रही हैं। पिछले साल उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस बारे में संबोधित किया था। उसके बाद स्थानीय सांसद और प्रशासन ने उन्हें आश्वासन दिया था कि बारिश के बाद सड़क का काम शुरू हो जाएगा। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।
"20 साल से सिर्फ झूठे वादे, अब धैर्य खत्म!"
लीला का कहना है कि उनके गांव के लोगों को 20 साल से सिर्फ झूठे वादे मिल रहे हैं। "हर बार चुनाव आते हैं, नेता आते हैं, आश्वासन देते हैं और चले जाते हैं। लेकिन जमीन पर कुछ नहीं बदलता," उन्होंने कहा।
धरना देने की धमकी पर अधिकारियों ने दिया झूठा भरोसा
लीला ने बताया कि जब उन्होंने धरना प्रदर्शन करने की बात कही, तो सरपंच, सचिव और PMGSY के अधिकारी उनके घर पहुंच गए। "उन्होंने मुझे समझाया कि 'कुछ दिन और रुक जाइए, काम शुरू हो जाएगा'। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ," उन्होंने कहा।
सोशल मीडिया पर मिल रहा है भारी सपोर्ट
लीला का वीडियो फेसबुक, ट्विटर और Instagram पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग उनके साहस की तारीफ कर रहे हैं और #RoadForLeela जैसे हैशटैग के साथ उनका सपोर्ट कर रहे हैं। कई यूजर्स ने नितिन गड़करी और मुख्यमंत्री मोहन यादव को टैग करके इस मुद्दे पर एक्शन की मांग की है।
"अब तक क्यों नहीं बनी सड़क? कहां है PMGSY फंड?"
लोगों का सवाल है कि PMGSY (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) के तहत गांवों को कनेक्टिविटी देना सरकार का लक्ष्य है, फिर आखिर इस सड़क का काम अटका क्यों है? क्या फंड की कमी है या फिर अधिकारियों की लापरवाही?
क्या होगा आगे?
लीला साहू ने साफ कहा है कि वह तब तक चुप नहीं बैठेंगी, जब तक उनके गांव की सड़क नहीं बन जाती। उनका संघर्ष सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि उन सभी ग्रामीणों के लिए है, जो ऐसी ही बदहाल सड़कों पर जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं।
सरकार और नेताओं के सामने बड़ा सवाल
अब देखना यह है कि क्या नितिन गड़करी या मध्यप्रदेश सरकार इस मामले में कोई तुरंत एक्शन लेगी? क्या आखिरकार लीला और उनके गांव वालों को 20 साल बाद इंसाफ मिल पाएगा?
नोट: यह खबर लगातार अपडेट की जाएगी। सड़क निर्माण पर कोई नया डेवलपमेंट आने पर हम आपको सबसे पहले बताएंगे।
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