रीवा के स्कूल की फर्जी मार्कशीट से बनवाए थे दस्तावेज
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक बांग्लादेशी दंपत्ति को गिरफ्तार किया गया है, जो पिछले 16 साल से अवैध रूप से भारत में रह रहा था। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि इस जोड़े ने रीवा जिले के एक सरकारी स्कूल की फर्जी मार्कशीट के आधार पर भारतीय दस्तावेज बनवाए थे। इसके बाद उन्होंने रायपुर में बिरयानी का ठेला चलाकर अपना व्यवसाय शुरू किया।
![]() |
रायपुर से पकड़े गए बांग्लादेशी कपल (image ETV) |
कैसे हुआ खुलासा?
13 जून को रायपुर पुलिस ने टिकरापारा के धर्मनगर इलाके में एक किराए के मकान पर छापा मारकर दिलावर खान, उसकी पत्नी और नाबालिग बेटी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि दिलावर बांग्लादेश का निवासी है और 2008 में अवैध रूप से भारत आया था। एक साल बाद उसने अपनी पत्नी और बेटे को भी बॉर्डर पार करवाकर भारत ले आया।
पुलिस ने उनके पास से आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड और 8वीं कक्षा की मार्कशीट जैसे कई फर्जी दस्तावेज बरामद किए। हैरानी की बात यह थी कि मार्कशीट मध्य प्रदेश के रीवा जिले के त्योंथर तहसील के एक शासकीय माध्यमिक स्कूल की थी, जो पूरी तरह नकली थी।
रीवा कनेक्शन का सच
जांच में पता चला कि दिलावर ने 1,000 रुपये में यह फर्जी मार्कशीट बनवाई थी। इसी के आधार पर उसने अन्य दस्तावेज तैयार करवाए। रायपुर पुलिस की एक टीम इस मामले की जांच करने रीवा के त्योंथर स्थित स्कूल पहुंची, जहां से मार्कशीट जारी होने का दावा किया गया था।
रीवा एसपी विवेक सिंह ने बताया कि रायपुर पुलिस को पूरा सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, "हमें जानकारी मिली थी कि बांग्लादेशी नागरिक के पास से रीवा के स्कूल की मार्कशीट मिली है। इसकी जांच की जा रही है।"
16 साल में 4 घर बदले, बिरयानी बेचकर चलाया परिवार
दिलावर ने रायपुर में पहले मजदूरी की, फिर अंडा और बिरयानी का ठेला लगाकर व्यवसाय शुरू किया। वह एक सरकारी दफ्तर के बाहर अपना ठेला चलाता था। पुलिस के मुताबिक, उसने 16 साल में 4 अलग-अलग किराए के मकानों में रहने के बाद अपना व्यवसाय स्थापित किया।
पुलिस कर रही है पूरे नेटवर्क की जांच
रायपुर पुलिस अब उन सभी लोगों की तलाश कर रही है, जिन्होंने दिलावर को फर्जी दस्तावेज बनाने में मदद की। इसके अलावा, भारत में अवैध रूप से रह रहे अन्य बांग्लादेशी नागरिकों की भी खोजबीन की जा रही है।
क्या कहती है कानून व्यवस्था?
- भारत में अवैध घुसपैठ गंभीर अपराध है, जिसमें फॉरेनर्स एक्ट के तहत कार्रवाई होती है।
- फर्जी दस्तावेज बनाने और इस्तेमाल करने पर धारा 420 (ठगी), 468 (जालसाजी) और 471 (जाली दस्तावेज का इस्तेमाल) के तहत केस दर्ज किया जा सकता है।
- नाबालिग बच्चे को सामाजिक संस्थाओं को सौंपा जा सकता है।
निष्कर्ष
यह मामला अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों के गठजोड़ को उजागर करता है। रीवा के स्कूल की मार्कशीट का गलत इस्तेमाल करने वाले इस नेटवर्क को पुलिस बेनकाब करने में जुटी है। साथ ही, यह सवाल भी उठता है कि क्या देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसे अवैध प्रवासी छुपे हुए हैं, जो फर्जी पहचान के सहारे जी रहे हैं?
#अवैधघुसपैठ #फर्जीदस्तावेज #बांग्लादेशीकपल #रीवाकनेक्शन #रायपुरपुलिस