परिचय: योजना को लेकर क्यों गरमाई सियासत?
मध्य प्रदेश सरकार की लाडली बहना योजना एक बार फिर राजनीतिक विवादों के घेरे में है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि योजना में भ्रष्टाचार हो रहा है और महिलाओं को पूरी राशि नहीं मिल रही। वहीं, भाजपा सरकार ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कांग्रेस पर योजना को बदनाम करने का आरोप लगाया है। इस मुद्दे पर कोर्ट तक जाने की बात कही जा रही है, जिससे राज्य की राजनीति में नया टकराव पैदा हो गया है।
कांग्रेस के गंभीर आरोप: "हर महीने 1800 रुपये की चोरी"
1. 20 लाख महिलाओं के नाम हुए काटे?
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने दावा किया कि लाडली बहना योजना से 20 लाख महिलाओं के नाम अचानक हटा दिए गए हैं। उनका कहना है कि 2023 से नए आवेदन नहीं लिए जा रहे, जबकि 25-30 लाख नई महिलाएं लाभ लेने के लिए आवेदन करना चाहती हैं।
2. "सरकार कर्ज लेकर चला रही योजना"
पटवारी ने आरोप लगाया कि सरकार सालाना 60-70 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले रही है, लेकिन योजना में केवल 16,000 करोड़ रुपये ही वितरित किए जा रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि बाकी पैसा कहाँ जा रहा है?
3. "घोषणाएं पूरी न करना राजनीतिक अपराध"
कांग्रेस नेता ने कहा, "सरकार ने महिलाओं को 3000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक 1250 रुपये ही मिल रहे हैं। यह जनता के साथ धोखा है।" उन्होंने कहा कि पार्टी इस मामले को हाईकोर्ट ले जाएगी।
भाजपा का जोरदार पलटवार: "कांग्रेस योजना को बंद करना चाहती है"
1. "कांग्रेस का इतिहास योजनाएं रोकने का रहा है"
भाजपा नेता व मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस हमेशा विवाद पैदा करके कल्याणकारी योजनाओं को बंद करवाती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "पहले बैगा-सहरिया योजना को कांग्रेस ने रोक दिया था। अब वे लाडली बहना योजना को भी निशाना बना रही हैं।"
2. "अगले महीने से 1500 रुपये मिलेंगे"
सारंग ने बताया कि सरकार योजना का विस्तार कर रही है। "अगले महीने से महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह मिलेंगे। इसके अलावा, राखी पर 250 रुपये अतिरिक्त भी दिए जाएंगे।"
3. "भाजपा ने कभी वादा खिलाफी नहीं की"
भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ने हर वादा पूरा किया है। "मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लाडली बहनों के लिए राशि बढ़ाने का ऐलान किया था, जिसे पूरा किया जा रहा है।"
लाडली बहना योजना: क्या है पूरा मामला?
योजना का उद्देश्य
इस योजना के तहत गरीब महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे स्वावलंबी बन सकें। शुरुआत में 1000 रुपये प्रति माह दिए जाते थे, जिसे बाद में 1250 रुपये कर दिया गया। अब इसे 1500 रुपये किए जाने की घोषणा हुई है।
विवाद की जड़
- कांग्रेस का दावा: फंड में गड़बड़ी, महिलाओं को पूरा पैसा नहीं मिल रहा।
- भाजपा का कहना: योजना पारदर्शी है, कांग्रेस झूठे आरोप लगा रही है।
आगे की रणनीति: क्या होगा अगला कदम?
कांग्रेस की योजना
- कोर्ट में केस दायर करना।
- जनआंदोलन शुरू करके सरकार पर दबाव बनाना।
भाजपा का प्लान
- योजना का विस्तार करके और अधिक महिलाओं को जोड़ना।
- जनसंवाद के माध्यम से कांग्रेस के आरोपों का जवाब देना।
निष्कर्ष: किसकी चलेगी बाजी?
इस मामले में दोनों पार्टियां अपने-अपने दावों पर अड़ी हुई हैं। कांग्रेस भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर सरकार को घेरना चाहती है, जबकि भाजपा योजना के विस्तार पर जोर देकर जनता का समर्थन हासिल करना चाहती है। अगर मामला कोर्ट तक पहुंचता है, तो यह बड़ा राजनीतिक मोड़ ले सकता है। फिलहाल, मध्य प्रदेश की महिलाएं इस बहस के केंद्र में हैं, और उन्हें ही तय करना है कि किसका पक्ष सही है।
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