उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहाँ एक युवक और युवती ने मालगाड़ी के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। यह घटना बुधवार रात करीब एक बजे मुरादाबाद-चंदौसी रेलवे लाइन पर हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दोनों ने एक-दूसरे का हाथ थामा हुआ था और आँखों में आँसू लिए ट्रेन का इंतज़ार कर रहे थे। जैसे ही मालगाड़ी नजदीक आई, लोको पायलट ने उन्हें हटने का इशारा किया और हॉर्न बजाया, लेकिन वे नहीं हटे। ट्रेन की चपेट में आकर दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतकों की पहचान सैफपुर जगन गाँव के रहने वाले 20 वर्षीय सुशांत और 17 वर्षीय आशी के रूप में हुई है। सुशांत मुरादाबाद में एक फैक्ट्री में काम करता था और कुछ दिन पहले ही गाँव लौटा था। आशी ने हाल ही में 12वीं की परीक्षा पास की थी। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच काफी समय से प्रेम संबंध था, लेकिन परिवार या समाज के दबाव के कारण वे मानसिक रूप से परेशान थे।
पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। शवों की हालत बेहद खराब थी और वे कई हिस्सों में बंटे हुए थे। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह आत्महत्या का मामला लग रहा है, लेकिन सही वजह का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिजनों से पूछताछ के बाद ही चलेगा।
स्थानीय लोगों ने बताया कि दोनों देर रात घर से निकले थे और किसी को शक नहीं हुआ कि वे ऐसा कदम उठाएँगे। गाँव वालों का कहना है कि परिवार को उनके रिश्ते के बारे में पता था, लेकिन शायद उन्हें मंजूरी नहीं थी।
यह घटना एक बार फिर समाज के सामने सवाल खड़ा करती है कि क्या प्रेम करना इतना बड़ा अपराध है कि युवाओं को आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़े? क्या परिवार और समाज को युवाओं की भावनाओं को समझने की जरूरत नहीं है? ऐसे मामलों में माता-पिता और समुदाय की जिम्मेदारी बनती है कि वे युवाओं को समझें और उन्हें जीवन का अधिकार दें।
इस तरह की घटनाएँ रुकनी चाहिए। युवाओं को चाहिए कि वे मुश्किल हालात में धैर्य रखें और कानूनी मदद लें। साथ ही, समाज को भी प्रेम विवाह और युवाओं की पसंद को स्वीकार करने की मानसिकता विकसित करनी होगी, ताकि ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।