पश्चिम बंगाल: पद्मश्री स्वामी प्रदीप्तानंद पर रेप का आरोप, महिला ने दर्ज कराई FIR
मामले की मुख्य जानकारी
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इसी साल पद्मश्री सम्मान से नवाजे गए स्वामी प्रदीप्तानंद उर्फ कार्तिक महाराज पर एक महिला ने बलात्कार और शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता ने भारत सेवाश्रम संघ में नौकरी का झांसा देकर कथित तौर पर उसके साथ यौन शोषण किए जाने का आरोप लगाया है।
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(फोटो TOI) |
क्या है पूरा केस?
- शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने भारत सेवाश्रम संघ में शिक्षक की नौकरी के लिए आवेदन किया था।
- कार्तिक महाराज ने उसे नौकरी का आश्वासन देकर 2013 में चाणक आदिवासी बालिका विद्यापीठ हॉस्टल की चौथी मंजिल पर ठहराया।
- महिला का आरोप है कि उसके साथ बार-बार बलात्कार किया गया और जून 2013 में जब वह गर्भवती हुई, तो उसे गर्भपात के लिए मजबूर किया गया।
- गर्भपात के बाद उसे हॉस्टल से निकाल दिया गया, और कुछ समय बाद वेतन देना भी बंद कर दिया गया।
धमकी और जानलेवा हमले का आरोप
महिला ने बताया कि जब उसने 12 जून को कार्तिक महाराज से संपर्क किया, तो उन्होंने अगले दिन मिलने का वादा किया। लेकिन 13 जून को दो लोगों ने उसे एक SUV में बिठाकर बीच रास्ते में धक्का दे दिया और धमकी दी कि वह आगे से उनसे संपर्क न करे।
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स्वामी प्रदीप्तानंद का जवाब
इन गंभीर आरोपों पर कार्तिक महाराज ने खुद को निर्दोष बताया है। उन्होंने कहा –
>"यह मेरे नाम और प्रतिष्ठा को बदनाम करने की साजिश है। हमारे आश्रम में कई महिलाएं काम करती हैं, उनसे पूछिए, सभी कहेंगी कि हम महिलाओं का मां की तरह सम्मान करते हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता के परिवार से बात करने को कहा, क्योंकि यह मामला झूठा और प्रेरित हो सकता है।
पुलिस कार्रवाई और जांच
- मुर्शिदाबाद पुलिस ने महिला की शिकायत पर FIR दर्ज की है।
- IPC की धाराएं (जिनमें बलात्कार, धमकी और गर्भपात के लिए मजबूर करने जैसे आरोप शामिल हैं) लगाई गई हैं।
- फिलहाल जांच चल रही है, और पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
कौन हैं स्वामी प्रदीप्तानंद?
स्वामी प्रदीप्तानंद (कार्तिक महाराज) भारत सेवाश्रम संघ से जुड़े हैं और 2024 में पद्मश्री से सम्मानित किए गए थे। वे पश्चिम बंगाल में धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं।
राजनीतिक विवादों में घिरे रहे हैं
- 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी से उनकी तकरार हुई थी। ममता ने उन पर राजनीति करने का आरोप लगाया था।
- उन्होंने महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया था – "भारत का दुर्भाग्य है कि मोहनदास गांधी को राष्ट्रपिता माना जाता है।"
- उन्होंने हिंदुओं से "रोमांटिक कृष्ण" की जगह "योद्धा कृष्ण" की पूजा करने की अपील की थी।
समाज और राजनीति में प्रतिक्रिया
इस मामले ने सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में तूफान ला दिया है। कई लोग पद्मश्री सम्मान वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे झूठा केस बता रहे हैं।
क्या होगा आगे?
- अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह मामला बड़ा राजनीतिक और सामाजिक विवाद बन सकता है।
- पुलिस जांच के नतीजे ही तय करेंगे कि आरोप सही हैं या नहीं
न्याय की उम्मीद
पीड़िता को न्याय मिले, यही समाज की मांग है। साथ ही, यह मामला शक्तिशाली लोगों द्वारा महिलाओं के शोषण की एक और कड़ी के रूप में सामने आया है।
> यह खबर TOI और इंडिया टुडे की रिपोर्ट्स पर आधारित है।