25 साल के प्यार का दर्दनाक अंत: पत्नी की मौत के 30 मिनट बाद पति ने भी तोड़ा दम
हृदयविदारक घटना: फतेहाबाद के दंपति की एक साथ मौत
हरियाणा के फतेहाबाद में एक ऐसी दुखद घटना हुई जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया। 25 साल से साथ जीवन बिता रहे एक दंपति की मौत महज 30 मिनट के अंतराल में हो गई। पत्नी के निधन का सदमा पति बर्दाश्त नहीं कर पाए और उन्होंने भी दुनिया को अलविदा कह दिया।
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प्रतीकात्मक चित्र |
क्या हुआ था?
16 जुलाई की रात करीब 9 बजे ममता (48) का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। जैसे ही उनके पति राजकुमार (53) को यह खबर मिली, वे सदमे में आ गए। मात्र आधे घंटे के भीतर ही उनका भी हार्ट फेल हो गया और उनकी मौत हो गई।
परिवार पर क्या बीती?
राजकुमार और ममता के दो बेटे हैं, जिनकी उम्र 20 और 18 साल है। अचानक माता-पिता दोनों को खो देने से दोनों बच्चे अनाथ हो गए। परिवार के सदस्यों के अनुसार, दोनों पति-पत्नी में गहरा प्यार था। शायद यही वजह थी कि राजकुमार पत्नी के बिना जीवित नहीं रह पाए।
क्या थी ममता की बीमारी?
ममता लंबे समय से लिवर की गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं। उनका लिवर डैमेज हो चुका था, जिसके कारण उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी। राजकुमार अपनी पत्नी की देखभाल के लिए ज्यादातर समय घर पर ही रहते थे और ऑफिस कम ही जाते थे।
पत्नी की मौत का पति पर क्या असर हुआ?
जब ममता का निधन हुआ, तो परिवार के एक सदस्य ने राजकुमार को यह खबर सुनाई। यह सुनते ही वे स्तब्ध रह गए और उनकी हालत बिगड़ने लगी। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, गहरे सदमे के कारण उनका हृदय काम करना बंद कर दिया।
राजकुमार क्या काम करते थे?
राजकुमार हरियाणा बिजली विभाग में लोअर डिवीजन क्लर्क के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने 1999 में अपने पिता की सेवानिवृत्ति के बाद यह नौकरी संभाली थी। वह एक जिम्मेदार पति और पिता थे, जिन्होंने बीमार पत्नी की देखभाल के लिए अपनी नौकरी तक को कम प्राथमिकता दी।
अब बच्चों का क्या होगा?
दोनों बेटे अभी पढ़ाई कर रहे हैं। बड़ा बेटा 20 साल का है और छोटा 18 साल का। अब उनके चाचा और अन्य रिश्तेदार ही उनकी देखभाल करेंगे। परिवार इस दुख से उबरने की कोशिश कर रहा है।
समाज और रिश्तों की मिसाल
यह घटना साबित करती है कि सच्चा प्यार सिर्फ जिंदगी तक ही नहीं, बल्कि मौत के बाद भी जुड़ा रहता है। राजकुमार और ममता का रिश्ता इतना गहरा था कि एक के बिना दूसरा नहीं रह पाया। उनकी कहानी समाज के लिए एक संदेश छोड़ गई है कि प्यार और साथ की अहमियत क्या होती है।
निष्कर्ष
फतेहाबाद की यह घटना दिल दहला देने वाली है। एक साथ माता-पिता को खो देने वाले दोनों बच्चों के लिए यह समय बेहद मुश्किल है। समाज और सरकार को ऐसे परिवारों की मदद के लिए आगे आना चाहिए, ताकि इन बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके।
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