सतना रेलवे स्टेशन पर आज सुबह की घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पुलिस की सतर्क नजरों से कोई नहीं बच सकता। सुबह साढ़े चार बजे का वक्त था जब दिल्ली से आई महाकौशल एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर रुकी। कुछ मिनटों के विराम के बाद जब ट्रेन जबलपुर की ओर रवाना होने लगी, तभी एसी थर्ड कोच से एक युवक ने दो बड़े पिट्ठू बैग्स के साथ अचानक प्लेटफॉर्म पर छलांग लगा दी। यह नजारा प्लेटफॉर्म पर मौजूद GRP के जवानों से छुपा नहीं रहा।
शक की वजह बनी ट्रेन से कूदने की जल्दबाजी
GRP के अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन के रुकने के दौरान सामान्य तरीके से उतरने के बजाय युवक का ट्रेन चलते ही कूदना संदेह पैदा करने वाला था। जैसे ही पुलिसकर्मियों ने उसे रोककर पूछताछ शुरू की, युवक का चेहरा बदल गया। उसकी आंखों में डर साफ झलक रहा था और वह सही जवाब देने में हिचकिचा रहा था। इसके बाद GRP की टीम ने उसे स्टेशन के चौकी ले जाने का फैसला किया।
तलाशी में मिला चांदी का खजाना
चौकी पर पहुंचने के बाद जब युवक के बैग्स की तलाशी ली गई तो पुलिसकर्मी भी हैरान रह गए। दोनों बैग्स में चांदी की ईंटें और कुछ आभूषण भरे हुए थे। वजन करने पर यह चांदी कुल 30 किलो 618 ग्राम निकली, जिसका बाजार मूल्य लगभग 34 लाख 88 हजार रुपये आंका गया। पुलिस ने बताया कि यह चांदी बिना किसी कानूनी दस्तावेज के लाई गई थी, जो काले बाजार में बेची जानी थी।
पकड़े गए आरोपी का कनेक्शन मथुरा से
पूछताछ में युवक ने अपना नाम पंकज सोनी बताया और खुद को मथुरा, उत्तर प्रदेश का रहने वाला बताया। उसने स्वीकार किया कि वह सतना के सराफा बाजार में चांदी सप्लाई करने वाला एजेंट है। हालांकि, जब उससे चांदी के लिए कोई बिल या कानूनी दस्तावेज दिखाने को कहा गया तो वह कुछ नहीं बता पाया। GRP प्रभारी राजेश राज ने बताया कि पंकज मथुरा से यह चांदी सतना लाया था, जहां इसे ब्लैक मार्केट में बेचा जाना था।
क्या है पूरा मामला?
GRP के मुताबिक, यह कोई पहली घटना नहीं है जब मथुरा के एजेंट्स बिना किसी कानूनी दस्तावेज के सोना-चांदी लेकर सतना पहुंचे हैं। पिछले कुछ समय में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां अवैध तरीके से प्रीशियस मेटल्स की तस्करी की गई। इस तरह के केस में टैक्स चोरी का मामला भी जुड़ा होता है, क्योंकि बिना बिल के धातु बेचने से सरकार को राजस्व का नुकसान होता है।
अब क्या होगा आगे?
GRP ने पंकज सोनी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह चांदी कहां से लाई गई थी और सतना में किसे सप्लाई की जानी थी। साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि क्या यह मामला किसी बड़े सिंडिकेट से जुड़ा है या नहीं।
निष्कर्ष: सतर्कता से बड़े मामले उजागर
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि पुलिस की सक्रियता और सतर्कता से बड़े से बड़े अपराधों को उजागर किया जा सकता है। GRP की इस कार्रवाई ने न केवल काले धंधे पर रोक लगाई है, बल्कि यह भी संदेश दिया है कि रेलवे नेटवर्क का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता। आने वाले दिनों में इस मामले की और जानकारी सामने आ सकती है, जिससे इस नेटवर्क के और सदस्य पकड़े जा सकते हैं।
इस तरह की घटनाएं समाज के लिए एक चेतावनी भी हैं कि कानून का उल्लंघन करने वालों को बच निकलने का कोई रास्ता नहीं मिलेगा। पुलिस की नजर हमेशा संदिग्ध गतिविधियों पर रहती है और ऐसे में कोई भी गलत कदम उठाने वाला पकड़ा जा सकता है।