मध्यप्रदेश: सतना में पटवारी रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार, लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई
भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की सख्त कार्रवाई
मध्यप्रदेश के सतना जिले में एक पटवारी को 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह मामला तहसील नागौद के ग्राम दुबहियां का है, जहां पटवारी अमर सिंह कुशवाहा पर जमीन के बंटवारे के बदले 15,000 रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा था।
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पटवारी को रंगे हाथों पकड़ा गया |
क्या है पूरा मामला?
1. शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त को दी शिकायत
ग्राम दुबहियां निवासी आदेश प्रताप सिंह ने बताया कि उन्हें अपनी जमीन का बंटवारा कराने के लिए पटवारी ने 15,000 रुपये की मांग की थी। इसके बाद उन्होंने लोकायुक्त संभाग, रीवा में शिकायत दर्ज कराई।
2. लोकायुक्त की टीम ने पकड़ा रंगे हाथों
लोकायुक्त की टीम ने छिपे हुए कैमरों और डिजिटल उपकरणों की मदद से पटवारी पर नजर रखी। गुरुवार को जनपद ब्लॉक कार्यालय के सामने पटवारी ने 5,000 रुपये की रिश्वत ली, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
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3. पहले भी ले चुका था 2,500 रुपये
शिकायतकर्ता के अनुसार, पटवारी ने इससे पहले भी 2,500 रुपये वसूले थे। अब भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
लोकायुक्त की कार्रवाई क्यों महत्वपूर्ण है?
- भ्रष्टाचार पर अंकुश: इस तरह की कार्रवाई से सरकारी कर्मचारियों में डर पैदा होता है और भ्रष्टाचार पर रोक लगती है।
- आम नागरिकों को न्याय: गरीब और सामान्य लोगों को अक्सर सरकारी कामों के लिए रिश्वत देनी पड़ती है, ऐसे में लोकायुक्त की कार्रवाई उन्हें न्याय दिलाती है।
- सिस्टम में पारदर्शिता: ऐसे मामलों का सामने आना प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
रिश्वतखोरी के खिलाफ कैसे करें शिकायत?
अगर कोई सरकारी कर्मचारी आपसे रिश्वत की मांग करता है, तो आप निम्न तरीकों से शिकायत कर सकते हैं:
1. लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराएं।
2. ऑनलाइन पोर्टल (https://lokayukt.mp.gov.in/) के जरिए शिकायत करें।
3. भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन (14400) पर कॉल करें।
4. सीधे पुलिस या विशेष न्यायालय में केस दर्ज कराएं।
निष्कर्ष: भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की सजगता जरूरी
सतना का यह मामला दिखाता है कि लोकायुक्त और प्रशासन की सक्रियता से भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सकती है। हालांकि, सिर्फ सरकारी एजेंसियों पर निर्भर न रहकर आम नागरिकों को भी जागरूक होना चाहिए और रिश्वतखोरी का विरोध करना चाहिए। अगर हर व्यक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाए, तो समाज में बड़ा बदलाव आ सकता है।
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