धार जिले के स्कूल में हुआ हंगामा, शिक्षिका पर लगे गंभीर आरोप
मध्यप्रदेश के धार जिले से एक शर्मनाक मामला सामने आया है, जहां एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका पर नशे की हालत में स्कूल आने और अभद्र व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगे हैं। कविता कोचे नाम की यह शिक्षिका मनावर तहसील के सिंधाना प्राथमिक विद्यालय में पदस्थ हैं।क्या हुआ पूरा मामला?
विद्यालय के प्राचार्य और अन्य शिक्षकों ने संयुक्त शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि कविता कोचे अक्सर शराब के नशे में स्कूल आती हैं और बच्चों व स्टाफ के सामने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करती हैं। उनके इस व्यवहार से स्कूल का माहौल खराब हो रहा है और बच्चों के मानसिक विकास पर बुरा असर पड़ रहा है।इस मामले में एक वायरल वीडियो भी सामने आया है, जिसमें शिक्षिका को नशे की हालत में हंगामा करते हुए देखा जा सकता है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
शिक्षकों ने लिखित में दी शिकायत
विद्यालय प्रबंधन ने लिखित शिकायत के साथ पंचनामा भी प्रस्तुत किया है, जिस पर प्राचार्य और अन्य शिक्षकों के हस्ताक्षर हैं। शिकायत में कहा गया है कि कई बार समझाने के बाद भी शिक्षिका के व्यवहार में कोई सुधार नहीं हुआ।"यह स्थिति पिछले कई दिनों से चल रही है। मैडम का यह व्यवहार न सिर्फ स्कूल के अनुशासन को तोड़ रहा है, बल्कि बच्चों के भविष्य के लिए भी खतरा बन रहा है।" — स्कूल स्टाफ
प्रशासन से मांगी गई कार्रवाई
इस मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की जा रही है। शिक्षकों का कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा, तो स्कूल का वातावरण पूरी तरह बिगड़ सकता है।क्या कहता है कानून?
भारत में शराब पीकर सार्वजनिक जगहों पर अशांति फैलाना एक दंडनीय अपराध है। इसके अलावा, शिक्षा विभाग के नियमों के तहत शिक्षकों के लिए ऐसा व्यवहार पूरी तरह प्रतिबंधित है। अगर आरोप साबित होते हैं, तो शिक्षिका के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें निलंबन या नौकरी से बर्खास्तगी तक शामिल हो सकती है।सोशल मीडिया पर तूफान
वायरल वीडियो के बाद लोगों की प्रतिक्रिया काफी तीखी है। कई यूजर्स ने शिक्षा विभाग को जवाबदेही तय करने की मांग की है, तो कुछ का कहना है कि ऐसे लोगों को बच्चों को पढ़ाने का अधिकार नहीं होना चाहिए।अब क्या होगा?
स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। शिक्षा अधिकारियों ने भी इस मामले पर संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अब देखना होगा कि क्या सच में कार्रवाई होती है या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।निष्कर्ष:
यह मामला शिक्षा व्यवस्था में गिरते मानदंडों की ओर इशारा करता है। अगर शिक्षक ही अनुशासन तोड़ेंगे, तो बच्चों से क्या उम्मीद की जा सकती है? प्रशासन को तुरंत सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।