गाजियाबाद में किशोरी के साथ बलात्कार का मामला: तीन साल तक वीडियो की धमकी देकर किया यौन शोषण
पीड़िता के पिता ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत
गाजियाबाद के मुरादनगर थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक युवक ने 15 साल की किशोरी का नहाते समय अश्लील वीडियो बनाकर उसे तीन साल तक यौन शोषण का शिकार बनाया। पीड़िता के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोपी पर पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा चलाया जा रहा है।
![]() |
प्रतीकात्मक चित्र |
कैसे शुरू हुआ यह दर्दनाक सिलसिला?
घटना साल 2022 की है, जब आरोपी मतीन ने पड़ोस में रहने वाली नाबालिग लड़की का नहाते समय चुपके से वीडियो बना लिया। बाद में उसने युवती को वीडियो दिखाकर यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। जब लड़की ने मना किया, तो उसने वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी। डर के मारे पीड़िता चुप रही, और आरोपी ने उसके साथ बलात्कार किया।
ये भी देखें: झांसी की रानी की ओजस्वी कविता ‘ख़ूब लड़ी मर्दानी’
तीन साल तक चला अत्याचार, परिवार को भी धमकियां
एक बार शोषण शुरू होने के बाद आरोपी के हौसले बढ़ते गए। वह बार-बार लड़की को यौन संबंध के लिए मजबूर करता रहा। जब भी वह विरोध करती, तो उसे पीटता और परिवार को जान से मारने की धमकी देता। इस दौरान पीड़िता ने डर और शर्म के कारण किसी को कुछ नहीं बताया।
परिवार को पता चला, तो आरोपी ने की गाली-गलौच
जब अत्याचार हद से बढ़ गया, तो पीड़िता ने अपनी मां को सारी बात बताई। मां ने पिता को सूचना दी, जिसके बाद वह आरोपी के घर शिकायत लेकर पहुंचा। लेकिन आरोपी और उसके परिवार ने उन्हें डराने-धमकाने के साथ-साथ गाली-गलौच की और घर से बाहर निकाल दिया।
ये भी देखें: जबलपुर: बीजेपी नेता के 'दोहरे चेहरे' का खुलासा! नौकरी के नाम पर असम की लड़कियों को धकेला देह व्यापार में
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, आरोपी फरार
पीड़िता के पिता ने मुरादनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मतीन और उसके तीन भाइयों (नईमुद्दीन, वसीम और मुस्तकीम) के खिलाफ केस दर्ज किया। मतीन पर पोक्सो एक्ट, बलात्कार, धमकी और निजता भंग करने के आरोप लगाए गए हैं, जबकि उसके भाइयों पर गाली-गलौच और धमकी देने का मामला दर्ज हुआ है।
ये भी देखें: 15 साल की नाबालिग से रेप के आरोप में 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज,
फिलहाल सभी आरोपी फरार हैं, लेकिन पुलिस का कहना है कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
समाज के लिए एक गंभीर सवाल
यह मामला न सिर्फ कानूनी बल्कि सामाजिक स्तर पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या हमारी व्यवस्था महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कर पा रही है? क्या ऐसे मामलों में पीड़िताओं को न्याय मिल पाता है? यह घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि सख्त कानूनों के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता भी जरूरी है।
निष्कर्ष
गाजियाबाद की यह घटना न सिर्फ पीड़िता बल्कि पूरे समाज के लिए एक झटका है। आरोपियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई ऐसा अपराध करने से पहले सौ बार सोचे। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और न्यायिक प्रक्रिया में तेजी से इस मामले का निपटारा होना चाहिए।