आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई: इंदौर, जबलपुर और रीवा में बोगस बिलिंग के आरोप में छापे
मुख्य बिंदु
- दिल्ली और एमपी आयकर टीमों ने संयुक्त छापेमारी की।
- चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और ज्वैलर्स पर फर्जी बिलिंग के आरोप।
- भारी मात्रा में दस्तावेज, संपत्ति और सोना बरामद।
छापेमारी का कारण और संदिग्ध गतिविधियाँ
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Incometax raid |
आयकर विभाग को लंबे समय से मध्य प्रदेश के इंदौर, जबलपुर और रीवा में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (CAs) द्वारा फर्जी बिलिंग की शिकायतें मिल रही थीं। ऐसे में, विभाग ने गोपनीय जानकारी के आधार पर सोमवार सुबह बड़ी कार्रवाई की। इस ऑपरेशन में दिल्ली और मध्य प्रदेश की आयकर टीमों ने मिलकर काम किया।
संदिग्धों पर लगे आरोप
- बोगस बिलिंग: कुछ CAs पर आरोप है कि वे काल्पनिक लेनदेन दिखाकर कर चोरी करवा रहे थे।
- अघोषित संपत्ति: ज्वैलर्स के पास बिना कागजात के भारी मात्रा में सोना मिला।
- कर चोरी: फर्जी दस्तावेजों के जरिए करों में हेराफेरी की जा रही थी।
छापेमारी के प्रमुख स्थान और बरामदगी
1. इंदौर, जबलपुर और रीवा में CAs के दफ्तरों पर छापे
- फर्जी बिलिंग के सबूत: कई दस्तावेजों में गड़बड़ी पाई गई।
- डिजिटल डेटा जब्त: लैपटॉप, हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव्स सीज की गईं।
2. देवास और जबलपुर के ज्वैलर्स पर छापे
- सोने की बड़ी मात्रा बरामद: कुछ ज्वैलर्स के पास अघोषित सोना मिला।
- संदिग्ध लेनदेन: बिना पंजीकरण के बड़े लेनदेन के सबूत मिले।
आयकर विभाग की जांच के अगले कदम
- दस्तावेजों का विश्लेषण: बरामद कागजातों की जांच से और नाम सामने आ सकते हैं।
- गिरफ्तारियाँ: यदि धोखाधड़ी के ठोस सबूत मिलते हैं, तो आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
- कर चोरी का आकलन: विभाग यह पता लगाएगा कि कितनी रकम की टैक्स हेराफेरी हुई है।
निष्कर्ष
यह कार्रवाई आयकर विभाग की "कालाधन और कर चोरी रोकने" की मुहिम का हिस्सा है। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो यह केस राज्य में फर्जी बिलिंग और कर धोखाधड़ी के बड़े नेटवर्क को उजागर कर सकता है। जांच अभी जारी है, और आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं।
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नोट: यह खबर प्राथमिक सूचनाओं पर आधारित है। आयकर विभाग की ओर से आधिकारिक बयान आने के बाद नए अपडेट जोड़े जाएंगे।