UP News: नेपाल बॉर्डर पर ₹2000 के नोटों का गोरखधंधा, बंद होने के बाद भी चल रहा अवैध कारोबार
सीमावर्ती जिलों में चल रहा है अवैध लेनदेन
भारत सरकार द्वारा ₹2000 के नोटों को विमुद्रीकृत (demonetized) किए जाने के बावजूद, नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इन नोटों को बदलने का अवैध धंधा जोरों पर चल रहा है। जांच में पता चला है कि यहां ₹2000 के नोटों को ₹1200 से ₹1600 के बीच में बदला जा रहा है। आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन टीम ने इस नेटवर्क के ठोस सबूत जुटाए हैं।
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प्रतीकात्मक चित्र (Ai Generated) |
किन जिलों में हो रही है अवैध गतिविधि?
उत्तर प्रदेश के सात जिले नेपाल की सीमा से लगे हुए हैं, जहां यह गोरखधंधा सक्रिय है:
- महाराजगंज
- सिद्धार्थनगर
- बलरामपुर
- श्रावस्ती
- बहराइच
- लखीमपुर खीरी
- पीलीभीत
खासतौर पर बहराइच का रुपईडीहा और बलरामपुर का बढ़नी इलाका इस गतिविधि का केंद्र बना हुआ है। जांच में पता चला कि बेरोजगार युवाओं को कमीशन देकर इस काम में लगाया जा रहा है।
कैसे हो रहा है नोटों का अवैध लेनदेन?
आरबीआई के नियमों के अनुसार, ₹2000 के नोट केवल आरबीआई शाखाओं या डाकघरों में जमा किए जा सकते हैं, और एक व्यक्ति अधिकतम ₹30,000 तक ही बदल सकता है। लेकिन सीमावर्ती इलाकों में इन नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
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जांच टीम को संदेह है कि फर्जी पहचान पत्र बनाकर नोट बदले जा रहे हैं। साथ ही, नेपाल के डाकघरों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जहां भारतीय नोटों को आसानी से बदला जा सकता है।
गोपनीय जांच में क्या सामने आया?
आयकर विभाग ने इस मामले की जांच बेहद गोपनीय तरीके से की। कुछ निजी व्यक्तियों को ₹2000 के नोट देकर नेपाल भेजा गया, जहां उन्होंने आसानी से नोट बदलवा लिए। इस ऑपरेशन में पुलिस की मदद नहीं ली गई, ताकि सूचना लीक न हो।
जांच के दौरान यह भी पता चला कि सीमावर्ती इलाकों में UPI के जरिए हजारों लेनदेन हो रहे हैं, जिनका इस्तेमाल अवैध धार्मिक गतिविधियों जैसे मस्जिद, मदरसा और मजार निर्माण में किया जा रहा है। कुछ सूत्रों के मुताबिक, इसका संबंध तमिलनाडु की एक संस्था से भी हो सकता है।
क्या है आगे की कार्रवाई?
आयकर विभाग अब इस पूरे नेटवर्क को उजागर करने में जुटा है। नेपाल सरकार के साथ समन्वय बढ़ाया जा रहा है ताकि डाकघरों और बैंकों के जरिए हो रहे अवैध लेनदेन पर रोक लगाई जा सके। साथ ही, भारत में इन नोटों को बदलवाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला कारोबार के संदेह को भी देखा जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि यह नेटवर्क बड़े स्तर पर काम कर रहा है और इसकी जड़ें भारत के अन्य राज्यों तक फैली हुई हो सकती हैं।
निष्कर्ष
₹2000 के नोटों का अवैध कारोबार नेपाल सीमा पर लगातार जारी है, जिसे रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जरूरत है। सरकार और एजेंसियां इस दिशा में काम कर रही हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर भी जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि ऐसे गोरखधंधे पर अंकुश लगाया जा सके।