महाराष्ट्र में कोविड की स्थिति गंभीर
महाराष्ट्र में Covid-19 के मामलों में चिंताजनक वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, वर्तमान में 55 सक्रिय मामले हैं, जिनमें से 15 मरीजों में गंभीर लक्षण पाए गए हैं। मुंबई में दो मरीजों की मौत की भी पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि दोनों मरीज पहले से ही गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। पहले मरीज को किडनी संबंधी समस्या थी, जबकि दूसरा कैंसर का मरीज था।
![]() |
Demo image |
जनवरी 2025 से अब तक राज्य में 6,066 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 108 नमूने पॉजिटिव पाए गए। इनमें 100 मामले मुंबई से, जबकि शेष पुणे, ठाणे और कोल्हापुर से हैं। स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी बढ़ाने और तैयारियों की पुष्टि की है।
तमिलनाडु और कर्नाटक में भी बढ़े मामले
तमिलनाडु में Covid-19 के सक्रिय मामलों की संख्या 39 तक पहुंच गई है। वहीं, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने 20 मई को राज्य में 17 सक्रिय मामलों की पुष्टि की। इनमें से अधिकांश मामलों में लक्षण हल्के बताए गए हैं, और मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है।
राष्ट्रीय स्तर पर कोविड की स्थिति पर नजर
19 मई तक देश भर में Covid-19 के सक्रिय मामलों की संख्या 255 दर्ज की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्यों के अधिकारियों का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में निगरानी प्रोटोकॉल को और सख्त करने पर सहमति बनी।
अधिकारियों ने जताई संयम की अपील
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और अधिकारियों ने जनता से घबराने की बजाय सतर्कता बरतने का आग्रह किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अधिकांश मामले हल्के हैं और मृत्यु दर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा, "हमारे पास पर्याप्त संसाधन और अनुभव हैं। लोगों को केवल नियमों का पालन करना है।"
निगरानी और तैयारियों पर जोर
राज्यों ने Covid प्रबंधन के लिए अपनी तैयारियों को फिर से सक्रिय किया है। अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन सप्लाई और दवाइयों का स्टॉक चेक किया जा रहा है। साथ ही, जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए वायरस के नए वेरिएंट पर नजर रखी जा रही है। महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों ने सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने की सलाह दोबारा जारी की है।
विशेषज्ञों की सलाह: सावधानी बरतें, लेकिन घबराएं नहीं
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि Covid-19 अभी भी एक चुनौती बना हुआ है, लेकिन इससे निपटने के लिए भारत अब पहले से कहीं अधिक तैयार है। उन्होंने खांसी-जुकाम के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराने, भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने और टीकाकरण अधूरा होने पर उसे पूरा करने की सलाह दी है। साथ ही, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है।
निष्कर्ष: सतर्कता ही बचाव का मूलमंत्र
Covid-19 के नए मामलों में वृद्धि के बावजूद, स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति को नियंत्रित मानते हैं। हालांकि, उन्होंने आगाह किया है कि लापरवाही न बरती जाए। सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों और जनता की सहभागिता के बल पर ही इस वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है।