मामले की मुख्य जानकारी (Key Highlights
- 5 युवाओं ने दूसरों के माता-पिता को अपना बताकर अनुकंपा नियुक्ति (Compassionate Appointment) हासिल की।
- जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) द्वारा नियुक्ति आदेश निरस्त (Cancelled) किए गए।
- फर्जीवाड़े (Fraud) में शामिल शिक्षा विभाग के अधिकारी पर भी कार्रवाई (Action) की जा रही है।
- तीन साल की अनुकंपा नियुक्तियों की जांच (Investigation) का आदेश दिया गया।
क्या है अनुकंपा नियुक्ति? (What is Compassionate Appointment?)
अनुकंपा नियुक्ति सरकारी नियमों के तहत एक विशेष प्रावधान (Special Provision) है, जिसमें किसी कर्मचारी की मृत्यु या अपंगता के बाद उसके परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दी जाती है। इसका उद्देश्य परिवार को आर्थिक सहारा देना है। लेकिन, रीवा में कुछ धूर्त (Fraudsters) लोगों ने इस प्रावधान का गलत फायदा (Misused) उठाया।
कैसे हुआ घोटाला? (How Did the Scam Happen?)
जांच में पाया गया कि पांच युवकों ने फर्जी दस्तावेज (Fake Documents) बनवाकर अनुकंपा नियुक्ति ली थी। इन्होंने:
1. दूसरों के माता-पिता को अपना माता-पिता बताया।
2. नकली मृत्यु प्रमाण पत्र (Fake Death Certificates) जमा किए।
3. कर्मचारी यूनिक आईडी (Employee Unique ID) में हेराफेरी की।
4. प्राचार्य (Principal) की अनुशंसा भी फर्जी (Fake) थी।
एक केस स्टडी (Case Study)
- बृजेश कोल ने अपनी जीवित माँ (Living Mother) बेलाकली कोल को मृत (Deceased) बताकर नौकरी पाई।
- जांच में पता चला कि बेलाकली जीवित हैं और मजदूरी (Labor Work) करती हैं।
जांच और कार्रवाई (Investigation & Action Taken)
1. तीन सदस्यीय समिति (Three-Member Committee) ने 36 नियुक्तियों की जाँच की।
2. 5 मामलों में दस्तावेजों में गड़बड़ी (Document Forgery) पाई गई।
3. नियुक्ति आदेश निरस्त (Appointment Orders Cancelled) किए गए।
4. अनुकंपा नियुक्ति शाखा प्रभारी (Compassionate Appointment Incharge) राम प्रसन्न धर द्विवेदी पर संदेह (Suspicion) है, उनके खिलाफ मामला दर्ज (Case Registered) किया गया।
अन्य मामले (Other Related Cases)
- रायपुर कर्चुलियान में रत्नेश्वर प्रसाद द्विवेदी ने भी फर्जी दस्तावेज जमा कर नौकरी ली, जबकि उनके परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी नहीं था।
- संभागायुक्त (Divisional Commissioner) वीएस जामोद ने पिछले तीन साल की सभी अनुकंपा नियुक्तियों की जांच (Probe) का आदेश दिया है।
क्या होगा आगे? (What’s Next?)
- भ्रष्ट अधिकारियों (Corrupt Officials) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई (Strict Action) होगी।
- सिस्टम में सुधार (System Reforms) की मांग उठ रही है ताकि भविष्य में ऐसे घोटाले (Scams) न हों।
- डिजिटल वेरिफिकेशन (Digital Verification) को अनिवार्य बनाने पर विचार चल रहा है।
निष्कर्ष (Conclusion)
यह मामला शासन व्यवस्था (Governance System) में कमजोर निगरानी (Weak Monitoring) और दस्तावेजी जांच (Document Scrutiny) की कमी को उजागर करता है। अधिकारियों को सख्त नियम (Strict Rules) बनाने की जरूरत है ताकि योग्य (Eligible) लोगों को ही अनुकंपा नियुक्ति मिले।
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