भयावह घटना: बेटे की जिद पूरी करने निकली माँ बनी शिकार
मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। एक महिला, जो अपने दो साल के बीमार बेटे का इलाज कराने जबलपुर आई थी, उसके साथ गांव के ही एक शख्स ने बर्बरता की हदें पार कर दीं। आरोपी ने पहले कार में उसके साथ रेप किया, फिर एक खंडहर में ले जाकर दोबारा ज्यादती की, और अंत में अपने घर ले जाकर तीन दिन तक बंधक बनाए रखा।
क्या हुआ था? पूरी घटनाक्रम
पीड़िता सिवनी की रहने वाली है और अपने बच्चे के इलाज के लिए सास के साथ जबलपुर आई थी। घटना तब हुई जब उसका बेटा कुरकुरे (chips) खाने की जिद करने लगा। माँ उसे कुरकुरे दिलाने निकली तो रास्ते में गांव का ही एक युवक विक्की (आरोपी का बेटा) मिला, जिसने कहा कि वह उसे कार से छोड़ देगा। विश्वास करके महिला कार में बैठ गई, जहां पहले से ही आरोपी विश्वनाथ (Vishwanath) मौजूद था।
पहले कार में, फिर खंडहर में रेप
कुछ दूर जाने के बाद विश्वनाथ ने अपने बेटे विक्की को कार से उतार दिया और सुनसान जगह पर कार रोककर महिला के साथ जबरदस्ती की। इसके बाद भी वह नहीं रुका और उसे एक खंडहर में ले गया, जहां उसने फिर से उसके साथ दरिंदगी (brutality) की।
3 दिन तक घर में बंधक बनाकर रखा
इतना सब कुछ होने के बाद भी आरोपी का दिल नहीं भरा। उसने महिला को जबरन अपने घर (लखनादौन के नन्हे मेहगांव में) ले जाकर तीन दिन तक बंधक (hostage) बनाए रखा। इस दौरान उसने बार-बार उसके साथ रेप किया और उसे डरा-धमकाकर चुप रहने को कहा।
महिला कैसे भागी? पुलिस ने क्या किया।
तीन दिन बाद महिला ने मौका पाकर आरोपी के चंगुल से भागने में सफलता पाई और सीधे जबलपुर पुलिस के पास पहुंची। दरअसल, जब वह लंबे समय तक नहीं लौटी तो उसकी सास ने उसकी गुमशुदगी (missing report) की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। अब पुलिस ने आरोपी विश्वनाथ के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और जल्द ही उसे गिरफ्तार करने का दावा कर रही है।
समाज और कानून की कसौटी
यह घटना न सिर्फ नारी सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कुछ लोगों की मानसिकता कितनी विकृती (distorted) हो चुकी है। पीड़िता जैसी औरतें, जो अपने परिवार की देखभाल के लिए शहर आती हैं, उन्हें ऐसे हैवानों से कैसे सुरक्षा मिलेगी?
क्या कहता है कानून?
भारतीय कानून के तहत:
- रेप (IPC 376) के साथ-साथ अपहरण (IPC 366) और गैरकानूनी कैद (IPC 342) के मामले भी बनते हैं।
- आरोपी को उम्रकैद (life imprisonment) तक की सजा हो सकती है।
समाज की जिम्मेदारी
ऐसे मामलों में सिर्फ पुलिस ही नहीं, बल्कि समाज को भी आगे आना चाहिए। अगर कोई शख्स किसी महिला के साथ अनुचित व्यवहार करता दिखे, तो तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।
निष्कर्ष: इंसानियत पर एक और धब्बा
यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि मानवता के लिए शर्म की बात है। पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए, और आरोपी को सख्त सजा। साथ ही, सरकार और प्रशासन को महिला सुरक्षा के लिए और सख्त कदम उठाने चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
यह खबर पाठकों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर लिखी गई है। अगर आप या आपका कोई परिचय ऐसी किसी स्थिति से गुजर रहा है, तो तुरंत पुलिस हेल्पलाइन (100/112) या महिला हेल्पलाइन (181) पर संपर्क करें।
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